Friday, August 25, 2023

हजरत उस्माने गनी رَضِیَ اللّٰهُ تَعَالٰی عَنْہ

*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم* 
 *اَلصَّلٰوةُ وَالسَّلَاْمُ عَلَيْكَ يَاْ رَسُوْلَ اللّٰه(ﷺ)*
🌸हजरत उस्माने गनी رَضِیَ اللّٰهُ تَعَالٰی عَنْہ
*मख्ज़्ने जूदो सखा पैकरे हिल्मो हया साहिबे तस्लीमो रिज़ा ज़ाहिदे बे रिया अहले हया का पेशवा पेशवाए अग्निया ताजदारे अतकिया दामादे मुस्तफा महबूबे लम यज़ल आशिके हुस्ने अज़ल कौकबे फलके महब्बत शनावरे बहरे शराफत शहेसवारे मैदाने शराफत वाकिफे रमज़े हक़ीक़त आबरुए दीने मतीन नामूसे इस्लाम कामिलिल हयाई वल ईमान जामिइल क़ुरआन इमामे मज़लूम उस्मान इब्ने अफ्फान रदियल्लाहो तआला अन्हू
अमीरुल मोमिनीन सय्यिदना उस्मान इब्ने अफ्फान रदियल्लाहो अन्हू का नसब इस तरहा है उस्मान बिन अफ्फान बिन अबिल आस बिन बिन उमय्या बिन अब्दे शम्स बिन  अब्दे मनाफ़ हुज़ूर अलैहिस्सलाम और हज़रत उस्मान का नसब अब्दे मनाफ़ पे जाकर मिल जाता है 
आपकी कुनियत अबू अब्दुल्लाह है और लक़ब ज़ुन्नूरैन और ग़नी हैं 
आपकी विलादत वाकिया फील के 6 साल बाद हुई आपका बचपन बहुत पाकीज़ा गुज़रा  
हज़रत अबू हुरैरा रवायत करते हैं नबी अलैहिस्सलाम ने फरमाया हर नबी का जन्नत में एक रफ़ीक़ होगा और मेरा रफ़ीक़ उस्मान है ( सुनने इब्ने माजा सफा 11 ) 
मेरी सारी उम्मत में सबसे ज़्यादा हयादार हज़रत उस्मान बिन अफ्फान हैं ( नुरुल अबसार सफा 71 ) 
उस्मान बिन अफ्फान दुनियां ओ आख़िरत में मेरा दोस्त है ( सवाइके मुहरिका सफा 109 )
उस्मान ग़नी रदियल्लाहो अन्हू की शफ़ाअत से 70 हज़ार ऐसे लोग जन्नत में बग़ैर हिसाब के दाखिल होंगे जिन पर दोज़ख की आग वाजिब हो चुकी होगी ( सवाइके मुहरिका 108 )
अल्लामा इब्ने ज़ौजी के हवाले से अल्लामा शबलनजी ने लिखा है के हज़रत इमाम हसन से रिवायत है उन्होंने कहा मैं हज़रत उस्मान के वक़्ते दफन मौजूद था उनके खून आलूद कपड़ो में ही उनको दफन कर दिया गया
हज़रत उस्मान की 10 खसलतें जो अल्लाह के यहां महफूज़ हैं
1 आप इस्लाम लाने में 4 नम्बर पर हैं
2 हुज़ूर अलैहिस्सलाम ने एक बाद दीगर बेटी आपके निकाह में दी
3 आपने कभी गाने बजाने की महफ़िल में शिरकत नहीं कि
4 आप कभी लअबो लहब में कभी मशगूल नही हुए
5 आपने कभी बुराई और बदी की तमन्ना नही की
6 आपने हुज़ूर से बैअत होने के बाद अपना सीधा हाँथ शर्म गाह को नही लगाया
7 इस्लाम लाने के बाद आपने हर जुमा को 1 गुलाम आज़ाद किया गरचे उस वक़्त मुम्किन ना हुआ तो बाद में किया
8 आप ज़माना जाहिलियत में और अहदे इस्लाम मे कभी ज़िना के मुरतकिब नही हुए
9  दौरे जिहालत और अहदे इस्लाम मे आपने कभी चोरी नही की
10 रसूले करीम के ज़माने के मुताबिक आपने क़ुरआन जमा किया
( तारीखुल खुल्फा सफा 247  )
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀

No comments:

Post a Comment

tell me your islamic-related information you want .I am try give you