Friday, August 7, 2020

रिज़्क की किल्लत / बरकत के बारे मै फरमाने हज़रत अली رضي الله عنه

 हिकायात.... 


# जब रिज़्क अल्लाहकी बारगाह में बद्दुआ करताहै..


हज़रत अलीرضي الله عنه की खिदमत में एक औरत      आकर पूछने लगी या अली औरत की वो कौन सी आदत है जो घर से बरकत को ख़त्म कर के मुसीबतों में धकेल देती है..? 


हज़रत अली رضي الله عنهने फ़रमाया  :- 


ए औरत...!    

याद रखना इस ज़मीं पर बदतरीन औरत वो है जो बर्तन धोते वक़्त रिज़्क जो बर्तन पर लगा होता है अनाज के दाने या रोटी के टुकड़े जो बर्तन में मौजूद होते है वो कचरे में फेंक देती है... 


याद रखना..!! 

जो भी औरत बर्तन धोते के वक़्त अल्लाह के रिज़्क को ज़ाया करती है तो वो रिज़्क अल्लाह के दरबार में बद्दुआ देता है की  ए अल्लाह..!! इस घर से रिज़्क को ख़त्म करदे..!!  क्यूंकि  के ये  लोग तेरे रिज़्क की क़दर  नहीं करते..!!


तो इसी तरह उस घर के लोग मुसीबतों में गिरफ्तार होने लगते है... ! उस घर में रिज़्क की किल्लत दिन ब दिन बढ़ने लगती है..... 


तो उस औरत ने कहाँ या अली उस रोटी के टुकड़ो और दानो का क्या करे जो बर्तन पर लगे होते है...?? 


खाने के बाद जो रिज़्क बच जाये उसको घर के बहार किसी ऐसे कोने में रख दिया करो जहाँ अल्लाह की दूसरी मख्लूक़ात उस रिज़्क को आराम से खा सके... 


क्यूंकि जो भी मख्लूकात उस रिज़्क को खाती है तो वो रिज़्क अल्लाह की दरबार में दुआ करता है..!!


और जब भी कोई अल्लाह की मख्लूक़ अल्लाह के रिज़्क को ज़ाया करती है तो वो रिज़्क अल्लाह की दरबार में बद्दुआ करता है.......