Wednesday, August 16, 2023

दास्तानें करबला, क़िस्त-08*

*दास्तानें करबला, क़िस्त-08*

*कूफ़ियों के ख़ुतूत📩*

     

🤝 *हजरत अमीरे मुआविया* रज़िअल्लाहु तआला अन्हु की वफ़ात के बाद यज़ीद तख्त पर बैठा तो *अहले इराक़* को जब मालूम हुआ कि *हज़रत इमाम हुसैन* रज़िअल्लाहु त‘आला अन्हु ने यज़ीद की बैअत नही की.....

           .....और आप मक्का मुअज्जमा तशरीफ़ ले गये हैं तो उन्होंने मुत्तफ़िक़ (एक राय) होकर इमाम हुसैन रज़िअल्लाहु तआला अन्हु की ख़िदमत मे ख़त भेजना शुरू किये जिसमे इस अम्र का इज़हार था कि *हम अपने जान व माल आप पर क़ुरबान कर देंगे,* आप यहां कूफ़े मे तशरीफ़ लाये, हम आपकी बैअत करके आपके हुक्म से ज़ालिमों से मुक़ाबला करेगें, और आपका हरहाल में साथ देंगे। 

📩 इस तरह के इल्तिज़ा भरे ख़तों का सिलसिला शुरू हो गया और तमाम जमाअतों और फ़िर्को की तरफ़ से *डेढ़ सौ  (150) के क़रीब ख़त हज़रत इमाम हुसैन रज़िअल्लाहु तआला अन्हु की खिदमत में पहुंचे.*  

*आप कहां तक खामोश रहते*

आप ने कूफ़ा जाने का इरादा किया, लेकिन आप के असहाब और दीगर सहाबियों ने आप को मशवरा दिया कि, *कूफ़ा वाले पहले भी गद्दारी कर चुके हैं.* इसलिए उनका ऐतबार कर के आपका वहां जाना सही नहीं है। बजाय आपके किसी और को भेज कर हालात का जायज़ा लिया जाए। लोगो के मशवरे से आप ने *हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील रज़िअल्लाहु तआला अन्हु* को कूफ़ा भेजने का इरादा किया। 

📩आपने उन्हें जवाब दिया की "तुम्हारे खत डेढ़ सौ (150) के क़रीब पहुंचे।  मैं फ़िलहाल अपने चचाज़ाद भाई मुस्लिम बिन अकील को तुम्हारी तरफ़ भेजता हुं। ताकि तुम्हारी सच्चाई का पता चल सके। *तुम अगर वाक़ई मेरा साथ देना चाहते हो तो मेरे नुमांइदे मुस्लिम बिन अकील की बैअत करो।*  जब वह तुम्हारे हाल और सच्चाई की मुझे इत्तिला करेंगे तो मै भी आ जाऊंगा....!!

📚 *सवानहे करबला, सफ़ह-52,*
*📘 तज़किरा-ए-हुसैन, सफ़ह-300, )*

           *सबक* 

*कूफ़ियों की बेवफ़ाई मशहूर होने के बावुज़ूद हज़रत इमाम हुसैन (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) ने उनकी दरख़्वास्त पर तवज्जोह इसलिए फरमाई..... ताकि, कल क़ियामत के दिन वह लोग यह न कह सकें कि हम ज़ालिमों से मुक़ाबला और उन से रिहाई के तलबगार थे लेकिन इब्ने अली हुसैन (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) ने हमारी किसी दरख़्वास्त पर तवज्जोह नहीं फ़रमाई, हज़रत इमाम आली मक़ाम ने यह तमामे हुज्जत के लिये अपने भाई को कूफ़े भेज दिया, आप अपना फ़र्ज़ अदा करने को तैयार हो गये......…..*

*(इन्शा अल्लाहुर्रहमान बाक़ी अगली पोस्ट में)*

*मिन जानिब जमाअत रज़ा ए मुस्तफ़ा गुमला झारखंड इंडिया*

*Next........*

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*ग़ुलामे ताजुश्शरिअह अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी, मुरादाबाद यूपी भारत-🌹*

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*🌹-मसलके आलाहज़रत-🌹*
        *🌹ज़िन्दाबाद 🌹*
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