Saturday, August 19, 2023

दास्तानें करबला, क़िस्त-09*

*दास्तानें करबला, क़िस्त-09*

*हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील की कूफ़े को रवानगी,*
 *और बारह हज़ार कूफ़ियों की बैअ्त*

कूफ़ियों के बार बार इसरार पर *इमाम हुसैन* रज़िअल्लाहु त‘आला अन्हु कूफ़ा तशरीफ ले जाने पर आमादा हो गये लेकिन हालात का पता लगाने के लिए आपने पहले अपने चचाज़ाद भाई *हजरत मुस्लिम बिन अकील* (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) को वहां भेजा। हज़रत मुस्लिम से फ़रमाया कि तुम वहां जाकर मेरे लिए कूफ़ियों से बैअ्त लो, अगर उन्होंने बैअत कर ली तो मुझे इत्तिला कर देना मै भी आ जाऊंगा। 

*चुनांचे* : हज़रत मुस्लिम अपने दो कमसिन बच्चो को साथ लेकर रवाना हो गए, इन दो शहज़ादों का नाम मुहम्मद और इब्राहीम था। यह दोनो आपको बहुत प्यारे थे इसलिये यह दोनो भी सफ़र में अपने वालिद बुज़ुर्गवार के साथ हो गये। 

*हजरत मुस्लिम* कूफ़ा पहुंचे तो आप ने मुख़्तार बिन उबैद के मकान पर क़्याम फ़रमाया, आपकी तशरीफ़ आवरी की खबर सुनकर *जुक-दर-जुक* (भीड़----की----भीड़) मखलूक़ आपकी ज़्यारत को आई.....
          .....*बारह हज़ार से ज़्यादा तअ्दाद* मे आपके हाथ पर हज़रत इमामे हुसैन (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) की बैअ्त की। 

💌 *हजरत मुस्लिम* ने अहले इराक़ की मुहब्बत व अक़ीदत देखकर हज़रत *इमाम हुसैन रज़िअल्लाहु तआला अन्हु की जानिब ख़त लिखा* जिसमें यहां के हालात की इत्तिला दी और गुज़ारिश की कि *आप यहां जल्दी तशरीफ ले आएं* ताकि बंदगाने खुदा यज़ीद के नापाक शर्र से महफ़ूज़ रहें और दीने हक़ की ताईद हो....!!

उधर जब *यज़ीद* को इस सूरते हाल का पता चला तो उसने *हाकिमे बसरा - उबैदुल्लाह बिन ज़्याद* को हुक्म भेजा की वह फौरन कूफ़ा पहुंचकर लोगो को इमाम हुसैन की बैअत से रोके और जिन्होंने बैअ्त कर ली है उन्हे तंबीह करे। 

उबैदुल्लाह बिन ज़्याद बड़ा ही *मक्कार और जल्लाद था।* यह ज़ालिम फ़ौरन कूफ़ा पहुंचा और अहले कूफ़ा को जमा करके यज़ीद की मुख़ालिफ़त करने से डराया धमकाया और बड़े-बड़े लालच देकर उन्हें हिमायते हुसैन से रोका और सब पर अपना रोब और दबदबा जमाया। 

*हजरत इमाम मुस्लिम* यह सूरते हाल देखकर रात को *हानी बिन उरवाह* के मकान मे तशरीफ़ ले गए और फ़रमाया: ऐ हानी! मै यहां ग़रीब मुसाफ़िर हुं तू अहले कूफ़ा से खूब वाक़िफ है मैं तेरी पनाह में आया हुं। मुझे अपने मकान मे पनाह दे। 

हानी ने क़ुबूल  किया और एक हुजरा अपने घर का उनके लिए खाली कर दिया,,

*इब्ने ज़्याद* को पता चला कि मुस्लिम को हानी ने पनाह दे रखी है. (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु).............।

📘सिर्रूश्शहादतैन सफ़ह-14, 
📗सवाहने करबला, सफ़ह-53 पास,

*(इन्शा अल्लाहुर्रहमान बाक़ी अगली पोस्ट में)*

*मिन जानिब जमाअत रज़ा ए मुस्तफ़ा गुमला झारखंड इंडिया*

*Next........*

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*ग़ुलामे ताजुश्शरिअह अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी, मुरादाबाद यूपी भारत-🌹*

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*🌹-मसलके आलाहज़रत-🌹*
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