Friday, August 4, 2023

नमाज़ का तर्जुमा (अर्थ) हिन्दी में🌴*

नमाज़ का तर्जुमा (अर्थ) हिन्दी में
🌴*

आप जब नमाज़ पढ़ते हैं तो वही आयतें और सूरतें दोहराते रहते हैं और नमाज़ मुकम्मल हो जाती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि नियत करने से लेकर सलाम फेरने तक आप ने अल्लाह से क्या कहा, जो भी पढ़ा इसका क्या मतलब था ,अगर आप जानते हैं तो माशा अल्लाह ❗

अल्लाह आपके इल्म में बरकत दे

लेकिन अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको जानना चाहिए, क्यूंकि *नमाज़ में अल्लाह बन्दे से बात करता है, लेकिन अगर आपको यही नहीं मालूम कि मैं अल्लाह से क्या कह रहा हूँ ❓तो आप सिर्फ़ अपनी ड्यूटी पूरी करके मस्जिद से निकल आयेंगे,* लेकिन नमाज़ से जो फ़ायदे मिलने वाले थे और आपके जिस्म और रूह में जो असर पड़ने वाला था वो नहीं हो पायेगा

 इसलिए आप जब नमाज़ पढ़ें तो ध्यान आपका अल्लाह ही की तरफ़ हो, न कि दुनियावी चीज़ों में उलझा हुआ हो, और ये तब हो सकता है जब हमें नमाज़ में पढ़ी जाने वाली चीज़ का मतलब मालूम होगा, और हम नमाज़ में क्या कह रहे हैं ये पता होगा, इसीलिए इस पोस्ट में हम ने नमाज़ में पढ़ी जाने वाली हर तस्बीह का मतलब बताया है

*🌴मुकम्मल नमाज़ का तरजुमा हिन्दी में*

*अल्लाहु अकबर 🌴*
*तर्जुमा :- अल्लाह सब से बड़ा है* 

💐सना💐

सुबहानक अल्ला हुम्मा व बिहम्मदिका व तबारकस्मुका व तआला जददुका वला इलाहा गैरुक
*तर्जुमा* :- ए अल्लाह ! तेरी ज़ात पाक है औए खूबियों वाली है, तेरा नाम मुबारक है, और तेरी शान ऊंची है और तेरे सिवा कोई माबूद नहीं

 *अऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम* 
*तर्जुमा* :-  मैं अल्लाह की पनाह में आता हूँ, शैतान मरदूद से

*बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम* 
*तर्जुमा* :- अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा महरबान निहायत रहम करने वाला है

सूरह फ़ातिहा

1. अल्हम्दु लिल्लाही रब्बिल आलमीन
*तर्जुमा*:- तमाम तारीफें उस अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का मालिक है

2.अर रहमा निर रहीम
 *तर्जुमा* :- जो रहमान और रहीम है।

3.मालिकी यौमिद्दीन
*तर्जुमा* :- जो रोजे जजा(कयामत के दिन) का मालिक है।

4.इय्याका नअ’बुदु व इय्याका नस्तईन
*तर्जुमा* :- हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद चाहते हैं

5.इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
*तर्जुमा*:-  हमें सीधा रास्ता दिखा।

6.सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
*तर्जुमा*:-  उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया,

7.गैरिल मग़दूबि अलैहिम् वलद्वाल्लीन
*तर्जुमा*:- उन लोगों का रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नाजिल हुआ और ना उन लोगो का जो राहे हक़ से भटके हुए है

आमीन...
 *तर्जुमा*:-  ऐसा ही हो❗

 🌹*सूरह इखलास* 🌹

1.कुल हु अल्लाहु अहद
*तर्जुमा* :- आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है

2. अल्लाहुस समद
*तर्जुमा* :- अल्लाह बेनियाज़ है

3. लम यलिद वलम यूलद
*तर्जुमा* :- वो न किसी का बाप है और न ही किसी का बेटा है

4. वलम यकुल लहू कुफ़ुवन अहद
*तर्जुमा*:- और न कोई उस के बराबर है

🌹*अल्लाहु अकबर*🌹
*तरजुमा* :  अल्लाह सब से बड़ा है

( रुकू में )सुब हान रब्बियल अज़ीम
*तर्जुमा* : - पाक है मेरा रब और अज़मत वाला है

( रुकू से उठने के बाद ) समिअल्लाहु लिमन हमिदह
*तर्जुमा* : - अल्लाह ने उसकी सुन ली जिसने उसकी तारीफ़ की

रब्बना लकल हम्द
*तर्जुमा* : - ऐ हमारे रब तेरे ही लिए तमाम तारीफ़ें हैं

अल्लाहु अकबर
*तर्जुमा* : - अल्लाह सब से बड़ा है

 
( सज्दे में ) सुबहान रब्बियल आला
*तर्जुमा*:-  पाक है मेरा रब बड़ी शान वाला है

(दूसरे सज्दे से उठने के बाद )

🌹अत तहिय्यात 🌹

अत तहिय्यातु लिल्लाही वस्सलवातु वत्तय्यीबातु
अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकातुहू
अस्सलामु अलैना व अला इबदिल्लाहीस सालिहीन
अश हदु अल ला इलाहा इल्लल्लाहू व अश हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू
*तर्जुमा*:- तमाम इबादतें सिर्फ़ अल्लाह के लिए हैं, और तमाम नमाज़ें और अच्छी बातें (भी अल्लाह के लिए हैं)

सलाम हो आप पर ए नबी ( सल्लल्लाहू अलैहि व सल्लम ) और अल्लाह की रहमतें और उसकी बरकतें हों

हम पर भी सलाम हो और अल्लाह के नेक बन्दों पर भी

मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के बन्दे और उसके रसूल हैं

🌹दुरूद शरीफ़ 🌹

अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद
कमा सल्लैता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद
कमा बारकता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद

 *तर्जुमा*:-  ए अल्लाह ! हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैही व सल्लम) पर, और उनकी आल पर रहमत नाज़िल फ़रमा, जिस तरह हज़रत इब्राहीम (अलैहिस सलाम) पर रहमत नाज़िल फ़रमाई, यक़ीनन आप तारीफ़ के लाइक और बड़ी बुज़ुर्गी और अजमत वाले हैं

ए अल्लाह ! हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) पर और उनकी आल पर बरकत नाज़िल फ़रमा जिस तरह हज़रत इब्राहीम (अलैहिस सलाम) पर बरकत नाज़िल फ़रमाई यकीनन आप तारीफ़ के लाइक और बड़ी बुज़ुर्गी और अजमत वाले हैं

🌹दुआए मासूरा 🌹

अल्लाहूम्मा इन्नी ज़लम्तु नफ्सी ज़ुलमन कसीरा
वला यग फिरूज़ ज़ुनूबा इल्ला अन्ता फग फिरली
मग फिरातम मिन इन्दिका
वर हम्नी इन्नका अंतल गफूरुर रहीम

*तर्जुमा*:-  ए अल्लाह ! बेशक हम ने अपनी जान पर बहुत ज़ुल्म किया और तेरे सिवा कोई भी गुनाहों को माफ़ नहीं कर सकता, बस अपनी ख़ास इनायत से हम को बख्श दे और मुझ पर रहम फ़रमा, बेशक तू ही बख्शने वाला और बेहद रहम वाला है

रब्बना आतिना फिद दुनिया हसनतव वाफिल आखिरति हसनतव व किना अज़ाबन नार
*तर्जुमा*:-  ए हमारे रब ! हमें दुनिया में भी भलाई अता फरमा और आखिरत में भी भलाई अता फरमा और हमें दोज़ख़ के अज़ाब से बचा ले

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह 
*तर्जुमा*:-  सलामती हो तुम पर, और अल्लाह की रहमत और उसकी बरकतें हों

*नमाज़ मुकम्मल हुई*🧎‍♂️

 *जितना आपके दिल में इस्लाम को फैलाने की तडप हो उतना इस कमेंट को फैलाए ❗
*दुआओ में याद रखना*

No comments:

Post a Comment

tell me your islamic-related information you want .I am try give you