Friday, February 26, 2021

हज़रते अली का मुख्तसर तआरूफ


अमीरूल मूअमिनीन हज़रते सय्यिदुना हज़रते अली का मुख्तसर तआरूफ 

हज़रते अली رضي الله عنه की वालिदा ने आपका नाम अपने वालिद के नाम पर आपका नाम "हेदर" रखा, ओर वालिद ने आपका नाम "अली" रखा ओर हमारे प्यारे आकाﷺ ने आपको अ-सदुल्लाह के लकब से नवाजा,

इसके इलावा "मुर्तजा (यानी चुना हुआ)", "कर्रार (यानी पलट पलट कर हम्ले करने वाला)", "शेरे खुदा" ओर "मोला मुश्किल कुशा" आपके मशहूर अल्काबात हैं!

आप رضي الله عنه हुज़ूरﷺ के चचाजाद भाई है।

आप رضي الله عنه की कुन्नियत   "अबुल हसन" ओर "अबू तूराब" है

आप رضي الله عنه "आमूल फील" के 30 साल बाद (जब प्यारे आकाﷺ को उम्र शरीफ 30 बरस थी) 13 र-जबुल मुरज्जब बरोज़ जुमुआतुल मुबारक खानए काबा शरीफ के अंदर पैदा हुए

आप رضي الله عنه दस 10 साल की उम्र में ही दाइरए इस्लाम मे दाखिल हो गए थे ओर ता दमे हयात प्यारे आकाﷺ की इमदाद व नुसरत ओर दीने इस्लाम को हिमायत में मसरूफे अमल रहे!

अमीरूल मूअमिनीन हज़रते सय्यिदुना उस्माने गनी رضي الله عنه की शहादत के बाद अन्सार व मुहाजिरीन ने दस्ते बा बरकत पर बैअ़त करके आप رضي الله عنه को अमीरूल मुअमिनीन मुंतखब किया ओर 4 बरस 8 माह 9 दिन तक मस्नदे खिलाफत पर रौनक अफ़रोज़ रहे।17 या 19 रमजानुल मुबारक को एक ख़बीस खारजी के कातिलाना हमले से शदीद ज़ख्मी हो गए ओर 21 रमज़ान शरीफ़ यक शम्बा (इतवार) की रात जामे शहादत नोश फरमा गए।

अस्ले नस्ले सफा वजहे वस्ले खुदा
बाबे फस्ले विलायत पे लाखो सलाम

📒(करामते शेरे खुदा, पेज,11,12,13)

#13रजब_यौमे_विलादत_मोला_अली🌺

🌹🌹तमाम आशिकाने रशुल (स.अ)को, मुहिब्बाने ऐहलेबैत को बाबा ऐ हसनैन करिमैन,वलियो के सरदार, शाहे मर्दा शेरे यजदा हुवते परवर दीगार
मौला अली करम अल्लाहु वजवुल करीम शेरे खुदा की यौमे विलाद्त बहुत बहुत मुबारक हो
ग़ालिब कुल्ले ग़ालिब, 
अमीरुल मोमिनीन,
इमाम उल औलिया,
मौला ए कुल कायनात,
अली इब्न अबू तालीब ع का जुहुर बहोत बहोत मुबारक हो 
आमदे मरहबा मौला अली (क.व)🌹🌹

अली के दर को बाबे शिफ़ाअत कहते हैं
अली की राह को राहे हयात कहते है.... 

अली का चाहने वाला मर के भी नही मरता
अली के इश्क़ को आबे हयात कहते है.... 

*फराज़े दार से मीशम बयान देते हैं*
*कि हम अली की मोहब्बत में जान देते हैं*
*ज़ुबान काट लो, हम पर जो चाहे ज़ुल्म करो*
*रहेगा ज़िक्र अली हम ज़ुबान देते हैं*
*सफ़ें बनाओ मोहिब्बों कि दार से मीशम*
*नमाज़े ईश्क अली की अज़ान देते है*
*अली की विलादत की बात जब आई*
*कहा खुदा ने हम अपना मकान देते हैं* 

लोगो चलो करो सब तैयारी कुछ खास होने वाला है, 

आने वाला है वह नूर दुनिया में जो नबी का चाहने वाला है,

जनाबे अबू तालिब के घर से एक पैगाम आने वाला है,

उम्मत ए मुहम्मदी ﷺ पर खुदा का एहसान आने वाला है,

जो दिखाएगा ख़ैबर, खंदक और हुनैन में गौहर, 

हां वही कहलाएगा असदुल्लाह खैबर शिकन और अली हैदर,

माहे रज्जब की 13 तारीख को जागेगी किस्मत काबे की,

इस्तकबाल में मौला के फटेगी दीवार काबे की,

 मैदान ए गदीर में जिसे अपना नायाब बनाया मोहम्मद ﷺ ने,

शबे हजरत अपने बिस्तर पर जिसे सुलाया मोहम्मद ﷺ ने,

सलमान नियाजी वोही तो शान है मोहम्मद ﷺ के पैगाम की,

जिनका लाल कर्बला में बचाएगा लाज इस्लाम की।।।

तमाम आशिकान ए रसूल ﷺ और आशिकाने अहले बैत को मौला अली 
मौला हैदर
शाहे मर्दा 
शेर ए यज़दा
तस्कीन ए क़ल्ब ए मुज़्तबा ﷺ
जानशीन ए मुस्तफा ﷺ
जाने महबूब ए ख़ुदा
मौलुद ए क़ाबा
इमामुल औलिया
सय्यदुल अस्फिया
अफ़ज़लुल फुकारा
शेर ए ख़ुदा ए दो जहाँ
माम्बा ए फैज़ ओ अता
बाब ए उलूम
राकिब ए दोशे मुस्तफा ﷺ
किब्ला ए कुल आशिका
ज़ौज़ए बतुल
ताजुल आरेफिन
इमामुल अशजईंन
अमीरुल मोमिनीन
खलिफातुल मुस्लेमीन
शहज़ादा ए अबु तालिब
मुर्शीद ए आज़म
ख़ैबर शिकन
अबुल हसन
अबुल हुसैन
अबु तुर्राब
हैदर ए कर्रार
साहिब ए ज़ुल्फ़िक़ार
मौला ए क़ायनात
मुश्किल कुशा
शेर ए ख़ुदा
हाज़त रवां
नफ़्स ए मुस्तफा ﷺ
मौलूद ए क़ाबा
सरकार मौला अली ए मुर्तजा अलैहिस्सलाम....🌹🌹🌹की विलादत मुबारक

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