Thursday, February 18, 2021

मौत से पहले आने वाले कासिद्

  हजरते याकूब علیہ الصلوٰۃ والسلام का मलकुल मौत से भाई चारा था, एक दिन मलकुल मौत हाजिर हुए तो हजरते याकूब علیہ الصلوٰۃ والسلام ने पूछा मुलाकात के लिए आए हो या रूह कब्ज करने को? इजराइल علیہ الصلوٰۃ والسلام ने कहा सिर्फ मुलाकात के लिए आया हू! आपعلیہ الصلوٰۃ والسلام ने फर्माया:मुझे एक बात कहनी है!मलकुल मौत बोले! कहिये कौन सी बात है? हजरते याकूब علیہ الصلوٰۃ والسلام ने फर्माया:जब मेरी मौत करीब आ जाए और तुम रूह कब्ज करने के आने वाले हो तो मुझे पहले से आगाह कर देना! मलकुल मौत ने कहा बेहतर! मै अपनी आमद से पहले आप के पास दो तीन कासिद् भेजूंगा! जब हजरते याकूब علیہ الصلوٰۃ والسلام का आखरी वक्त आया और मलकुल मौत रूह कब्ज करने को पहुँचे तो आप علیہ الصلوٰۃ والسلام ने कहा:तुम ने तो वादा किया था की अपने आमद से पहले मेरी तरफ कासिद् भेजोंगे! इजराइल علیہ الصلوٰۃ والسلام ने कहा:मैने ऐसा ही किया था, पहले तो आप علیہ الصلوٰۃ والسلام के सियाह बाल सफेद हुए! ये पहला कासिद् था! फिर बदन की चुस्ती व तवानाइ खत्म हुई! यह दूसरा कासिद् था! और बाद मे आप علیہ الصلوٰۃ والسلام का बदन झुक गया यह तीसरा कासिद् था! ऐ याकूबعلیہ الصلوٰۃ والسلام! हर इंसान के पास मेरे तीन कासिद् आते हैं!


शेख अबू अली दकाक् رَحٔمَةُاللّٰهِ تَعَالٰى عَلَئهِ  कहते हैं:-की मै एक ऐसे बीमार मर्दे सालेह की इयादत को गया जिनका शुमार मशायखे कीबार मे होता था! मैने उनके गिर्द उन शाहगिर्दो को बैठे देखा! शेख अबू अली رَحٔمَةُاللّٰهِ تَعَالٰى عَلَئهِ  फरमाते है:वह बुजुर्ग रो रहे थे मैने कहा:ए शैख़! क्या आप दुनिया पर रो रहे हैं?उन्होंने फरमाया नही! मै अपनी नमाज़ों के क्जा होने पर रो रहा हूँ, मैने कहा:आप तो इबादत गुजार शख्स थे फिर नमाजे किस तरह क्जा हुई? उन्होंने फर्माया:मैने हर सज्दा गफलत मे किया और हर सज्दे मे गफलत से सर उठाया! अब गफलत की हालत में मर रहा हूँ फिर एक आह भरी और ये अशआर पड़े👇


(१) जमाना गुजर गया और गुनाहों को छोड़ गया मौत का कासिद् आ पहुँचा और दिल खुदा से गाफ़िल ही रहा!

(२) तेरी दुनियावी ने'अमते धोका और फरेब हैं और दुनिया मे तेरा हमेशा रहना मुहाल किजब् महज है!

(३) मैने हर दिन, कयामत के दिन और कब्र मे रहने के बारे मे सोचा!

(४) जो इज्जत वकार वाले वजूद के साथ मिट्टी का रहीन होगा! और मिट्टी ही उसका तकया होगा!

(५) मैने युओमे हिसाब की तवालत के बारे में सोचा और उस वक्त की रुस्वाई का ख्याल किया जब नामाये आमाल मुझे दिया जाएगा!


अल्लाहﷻ तमाम ईमान वालो खातिमा बिल खैर फरमाए।آميــــــــــــــــــــن يَارَبَّ الْعَالَمِين آمین بِجَاہِ سَیِّدِ الْمُرْسَلِیْنﷺ


👇👇👇 ((( हवाला))) 👇👇👇

(📖📚(जहरूर्रीयाज़)

(📖📚(मुकाशिफतुल कुलूब् बाब-6- सफाह 54/55/56)


अल्लाहﷻ हमें समझने  और इस पर अमल करने की तौफ़ीक़ दे आमीन।

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