Saturday, February 6, 2021

शाने सरकारे सिद्दिक़े अकबर रदि अल्लाहु अनहू

_*शाने सरकारे सिद्दिक़े अकबर رَضِى اللهُ عَنه*_

_*📝इब्ने असाकिर हज़रत सय्यिदना अनस رَضِى اللهُ عَنه से रिवायत करते हैं कि रसुले करीम ﷺ ने फरमाया हज़रत सय्यिदना अबु बक्र सिद्दिक़ رَضِى اللهُ عَنه से मुहब्बत करना और उनका शुक्र अदा करना मेरी उम्मत पर वाजिब है।*_

_*📕तारीखुल खुलफा, सफा-121*_
_*📕तारीखे करबला, सफा-97*_

अली का हो नही सकता वो रोजे महेशर तक
जो रखे तुझ से अदावत 
अबू बकर सिद्दीक
(رضی اللہ تعالٰی عنہ)
Beshaq Haq Hai

शैतान को रब का पेहला खलीफा आदम अलयहिस्सलाम पसंद नही था ओर उसकी औलाद को नबी का पहेला खलीफा अबु बकर पसंद नही हे !!
RadiAllahu Anhu

*जिस तरह कुरआन ए पाक़ को छूने के लिए जिस्म का पाक़ होना ज़रूरी है ठीक उसी तरह सैय्यदना अबू बक्र सिद्दीक रज़िअल्लाहु तअला की शान को समझने के लिए ख़ून का पाक़ होना ज़रूरी है मुस्त़फाﷺ का हमसफ़र अबू बक्र अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالى عنه*

_*शाने सरकारे सिद्दिक़े अकबर رَضِى اللهُ عَنه*_

_*📝इब्ने असाकिर हज़रत सय्यिदना अनस رَضِى اللهُ عَنه से रिवायत करते हैं कि रसुले करीम ﷺ ने फरमाया हज़रत सय्यिदना अबु बक्र सिद्दिक़ رَضِى اللهُ عَنه से मुहब्बत करना और उनका शुक्र अदा करना मेरी उम्मत पर वाजिब है।*_

_*📕तारीखुल खुलफा, सफा-121*_
_*📕तारीखे करबला, सफा-97*_

_*✨शाने सहाबाए किराम ✨*_

_*📝ताजदारे मदीना रहमते आलम नुरे मुजस्सम सरवरे अंबिया हुज़ूर पूरनुर ﷺ ने फरमाया. मेरे किसी सहाबी को बुरा न कहो क्योंकि अगर तुममें का कोई उहुद पहाड़ भर सोना खैरात करे तो मेरे सहाबा के निस्फ के बराबर भी सवाब को नहीं पहुंचेगा।*_

_*📕बुखारी शरीफ, जिल्द-2, सफा-384*_

_*📝उस मुसलमान को आग न छुएगी जिसने मुझे देखा या मेरे देखने वाले को देखा। (यानि सहाबाए किराम और ताब'ईन)*_

_*📕तिर्मिज़ी शरीफ, जिल्द-2, सफा-760*_

_*📝मेरे सहाबा को बुरा कहने वालों पर अल्लाह तबारक व तआला ﷻ और उसके फरिशतों और तमाम लोगों की लाअनत हैं और अल्लाह तबारक व तआला ﷻ उनके फराइज़ और नवाफिल को भी क़ुबूल नही फरमाएगा।*_

_*📕शिफा शरीफ, जिल्द-02, सफा-488*_

हज़रत अबुबक्र_सिद्दीक रदि अल्लाहु अनहू वोह हैं
जिनकी अफज़लियत हर जुमे के ख़ुतबे में बयान की जाती है.❤

બિરાદરાને ઈસ્લામ કો ખબર દી જતી હય કિ ખાનકાહે એહલે સુન્નત , બળૌદા કી જાનીબ સે બહારે ઈસ્લામ કી પેહલી બારીશ , શજરે ઈસ્લામ કા પેહલા ફલ જીનકી મોહબ્બત ઉમ્મતે મોહમ્મદીયા પર વાજીબ હય . જીનકા ઈમાનો પરહેઝગારી કુરઆન સે ષાબિત હય . આલમે ઈસ્લામ કી અઝીમ તરીન શખ્સીયત , સબસે પેહલે ઈમાન લાને વાલે , સબસે પેહલે અલ્લાહ ઔર રસુલ હી તરફ બુલાનેવાલે , સબસે પેહલે મેઅરાજે નબી કી તસદીક દુશ્મનાને નબી કે મજમે મેં કરનેવાલે , નેકીયોં કી હંમેશા તસદીક કરનેવાલે , જીનસે અલ્લાહ પાક મોહબ્બત કરતા હય , અંબિયા કે બાદ ઈન્સાનોં મેં સબ સે બહેતર , ઈમામે સિદકો સફા , જાનશીને રસુલ , ઈમામે અરહાબે રસુલ , સૈયદના વ મૌલાના અબુબકર સિદ્દીકે અકબર રદીઅલ્લાહો તઆલા અન્હો

सिद्दिक ए अकबर तमाम सअदात ए इकराम के भी सैय्यद हैं, और आपको सबसे बड़ा शर्फ ये मिला है आप हुज़ूर ﷺ के ज़माना मुबारक में तमाम सहाबियों के इमाम बन चुके थे।

سلام يا اميرالمؤمنين 
 رضی اللّٰہ تعالٰی عنہ 
#उर्स_मुबारक

✍ शहज़ादे ए ग़ौस ए आज़म अब्दुल अज़ीज़ उल ख़तीब उल हसनी जिलानी

जन्नत के आठो दरवाज़े जिनका इस्तक़बाल करेंगे वो 
अबूबकर सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु है
उर्स मुबारक

👑सिद्दीक़े अकबर​ ( रज़िअल्लाहु तआला अन्हु )
👑नाम​- अब्दुल्लाह
👑लक़ब​- सिद्दीक़े अकबर
🔮वालिद​- अबु कहाफा
🔮वालिदा​- सलमा बिन्त सखर
💎​विलादत​- हुज़ूर की विलादत से 26 महीने बाद
🌸विसाल​- 22/6/13 हिजरी
👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑

**💖आज 22 जमाद उल आख़िर आप सैय्यदना सिद्दीक-ए-अकबर अबू बक्र सिद्दीक़ रदिअल्लाहु तआला अन्हुम वा रदुअन का उर्स-ए-पाक हैं लिहाज़ा हुब्बे इस्लाम वा हुसूले फैज़ों बरकात के लिए तमाम मौमीनीन मौमीनात और मुस्लिमीन मुस्लिमात फातिहा ख्वानी शरीफ़ का एहतेमाम करें जिससे हम तमाम मिलकर आप सैय्यदना सिद्दीक-ए-अकबर अबू बक्र सिद्दीक़ रदिअल्लाहु ताआला अन्हुम वा रदुअन की मुकद्दस बारगाहे पाक में खिराज-ए-अकीदत पैश कर सकें॥* 💚

👑​आपकी सीरत एक पोस्ट में बता पाना नामुमकिन है मगर हुसूले फैज़ के लिए चंद हर्फ आपकी शान में लिखता हूं मौला तआला क़ुबूल फरमाये​| 

👑➤ हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि नबियों के बाद तमाम इंसानों में सबसे अफज़ल अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु हैं| 

👑➤आपका नस्ब युं है अब्दुल्लाह बिन अबु कहाफा बिन उस्मान बिन आमिर बिन उमर बिन कअब बिन सअद बिन तय्युम बिन मुर्राह बिन कअब,मुर्राह बिन कअब पर आपका नस्ब हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम से जाकर मिल जाता है|. 

👑➤आपके बारे में मशहूर है कि आपने ज़मानये जाहिलियत में भी कभी बुत परस्ती नहीं की और ना कभी शराब पी,जब आप 4 साल के थे तो आपके बाप आपको लेकर अपने बुतों के सामने गए और उनसे कहा कि ये हमारे माबूद हैं तुम इनकी पूजा करो तो 4 साल के सिद्दीक़े अकबर उन बुतों से फरमाते हैं कि मैं भूखा हूं मुझे खाना दो मैं कुछ कहना चाहता हूं मुझसे बात करो जब उधर से कुछ जवाब नहीं आया तो आपने एक पत्थर उठाकर उस बुत पर ऐसा मारा कि वो आपके जलाल का ताब ना ला सका और चकना चूर हो गया,जब आपके बाप ने ये देखा तो आपको तमांचा मारा और घर वापस ले आये,और अपनी बीवी से सारा वाक़िया कह सुनाया तो वो फरमाती हैं कि इसे इसके हाल पर छोड़ दीजिये जब ये पैदा हुआ था तो किसी आवाज़ देने वाले ने ये कहा कि मुबारक हो तुझे कि ये ​मुहम्मद​ सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम का रफीक़ है मुझे नहीं मालूम कि ये ​मुहम्मद​ सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम कौन हैं| 

👑➤मर्दो में सबसे पहले आप ईमान लाये और सबसे पहले हुज़ूर के साथ नमाज़ पढ़ने का शर्फ आपको मिला| 

👑➤आपने दो मर्तबा अपनी पूरी दौलत हुज़ूर के क़दमो पर डाल दी| 

👑➤आपका लक़ब सिद्दीक़ होने का बड़ा मशहूर वाक़िया है कि जब हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम मेराज शरीफ से वापस आये और ये वाक़िया लोगों में बयान किया तो अबु जहल भागता हुआ अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के पास पहुंचा और कहने लगा कि अगर कोई कहे कि मैं हालाते बेदारी में रात ही रात सातों आसमान की सैर कर आया जन्नत दोज़ख देख आया खुदा से भी मिल आया तो क्या तुम यक़ीन करोगे आपने फरमाया कि नहीं,तो कहने लगा कि जिसका तुम कल्मा पढ़ते हो वो ​मुहम्मद​ सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम तो लोगों से यही कह रहे हैं तो आपने फरमाया कि क्या वाकई वो ऐसा कहते हैं तो अबु जहल बोला कि हां वो ऐसा ही कहते हैं तो आप फरमाते हैं कि जब वो ऐसा कहते हैं तो सच ही फरमाते हैं अब जब आपने उस वाक़िये की तस्दीक़ की तो वो मरदूद वहां से भाग निकला और उसी दिन से आपको सिद्दीक़ का खिताब मिला| 

👑➤आपने हुज़ूर की मौजूदगी में 17 नमाज़ों की इमामत फरमाई| 

👑➤आपके खलीफा बनने पर सबसे पहले हज़रते उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने आपकी बैयत की| 

👑➤जब आपने तमाम माल लुटा दिया तो फक़ीराना लिबास में बारगाहे नबवी में हाज़िर थे कि हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम हाज़िर हुए और कहा कि ऐ सिद्दीक़ आप मालदार होते हुए भी ऐसे कपड़ो में क्यों है तो हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि उन्होंने अपना पूरा माल दीने इस्लाम पर खर्च कर दिया तो हज़रत जिब्रील फरमाते हैं कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने अबु बक्र को सलाम भेजा है और पूछा है कि क्या इस हालत में भी अबु बक्र मुझसे राज़ी हैं इतना सुनते ही हज़रते अबु बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु वज्द में आ गए और बा आवाज़े बुलंद यही फरमाते रहे कि मैं अपने रब से राज़ी हूं मैं अपने रब से राज़ी हूं,अल्लाह अल्लाह क्या शान है सिद्दीक़े अकबर की कि खुद मौला उनसे पूछ रहा है कि क्या तुम मुझसे राज़ी हो अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर| 

👑➤आप वो मुक़द्दस सहाबी हुए जिनकी 4 पुश्तें सहाबियत से सरफराज़ हैं,आपके वालिदैन ईमान लाये और सहाबी हुए आप खुद सहाबी हुए आपकी औलाद में मुहम्मद व अब्दुल्लाह व अब्दुर्रहमान व सय्यदना आयशा व सय्यदना अस्मा सब के सब सहाबी हुए और आपके पोते मुहम्मद बिन अब्दुर्रहमान भी सहाबी हुए,ये फज़ीलत आपके सिवा किसी को हासिल नहीं,रिज़वानुल्लाहि तआला अलैहिम अजमईन| 

👑➤आपका और मौला अली का हालते जनाबत में भी मस्जिद में जाना जायज़ था| 

👑➤2 साल 3 महीने 11 दिन आपकी खिलाफत रही| 

👑➤आपसे कई करामतें भी ज़ाहिर हैं,जब आपका विसाल होने लगा तो आपने अपनी प्यारी बेटी सय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अंहा को बुलाया और फरमाया कि बेटी मेरा जो भी माल है उसे तुम्हारे दोनों भाई मुहम्मद व अब्दुर्रहमान और तुम्हारी दोनों बहनें हैं उनका हिस्सा क़ुर्आन के मुताबिक बाट देना,इस पर आप फरमाती हैं कि अब्बा जान मेरी तो एक ही बहन है बीबी अस्मा ये दूसरी बहन कौन है तो आप फरमाते हैं कि मेरी एक बीवी बिन्त खारेजा जो कि हामिला हैं उनके बतन में एक लड़की है वो तुम्हारी दूसरी बहन है,और आपके विसाल के बाद ऐसा ही हुआ उनका नाम उम्मे कुलसुम रखा गया,इसमें आपकी 2 करामत ज़ाहिर हुई पहली तो ये कि मैं इसी मर्ज़ में इन्तेक़ाल कर जाऊंगा और दूसरी ये भी कि पैदा होने से पहले ही बता देना कि लड़का है या लड़की|

👑➤आपकी उम्र 63 साल हुई आपकी नमाज़े जनाज़ा हज़रते उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने पढ़ाई और खुद हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम की इजाज़त से आपको उन्ही के पहलु में दफ्न किया गया,ये आपकी शानो अज़मत है| 

👑➤आपकी शान को समझने के लिए ये तन्हा हदीस ही काफी है हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि अगर एक पलड़े में अबु बक्र का ईमान रखा जाए और दूसरे में तमाम जहान वालो का तो सिद्दीक़ का पलड़ा सबसे भारी होगा,अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर,ज़रा सोचिये कि दूसरे पलड़े में तमाम जहान वालों से कौन कौन मुराद हैं अगर अम्बिया के ईमान को मुस्तसना कर भी दिया जाए तब भी क्या ये कम है कि उसी एक पलड़े में उमर फारूक़ का ईमान उस्मान ग़नी का ईमान मौला अली का ईमान तमाम 124000 सहाबा का ईमान फिर तमाम ताबईन का ईमान,इमामे आज़म इमाम शाफई इमाम मालिक इमाम अहमद बिन हम्बल का ईमान,फिर दुनिया भर के औलियाये कामेलीन का ईमान,हुज़ूर ग़ौसे पाक का ईमान,ख्वाजा ग़रीब नवाज़ का ईमान,आलाहज़रत अज़ीमुल बरक़त का ईमान और क़यामत तक के पैदा होने वाले तमाम औलिया व अब्दाल व तमाम मुसलेमीन का ईमान,सब एक ही पलड़े में और दूसरे में सिर्फ अबु बक्र का ईमान फिर भी अबु बक्र का ईमान सब पर भारी,या अल्लाह कैसा ईमान था उनका ​मौला से दुआ है कि अपने उसी बन्दे के ईमान का एक ज़र्रा हम तमाम सुन्नी मुसलमानों को नवाज़ दे ताकि हमारी दुनिया और आखिरत दोनों कामयाब हो जाये आमीन आमीन आमीन या रब्बुल आलमीन बिजाहिस सय्यदिल मुरसलीन सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम​| 

📕 तारीखुल खुल्फा,सफह 90--137
📕 शाने सहाबा,सफह 80--94
📕 मदरेजुन नुबूवत,जिल्द 2,सफह 914
📕 तफसीरे नईमी,जिल्द 2,सफह 547
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यारे गार यारे मजार जा नशीने मुस्तफाﷺ खलिफतुल मुस्लिमीन अमीरूल मोअमीनिन सय्यिदुना अबू बकर सिद्दीक رضي الله عنه की शान बड़ी ही बरतरो बाला जैसा के

✳️आप सबसे पहले कलिमा पड़ने वाले|
✳️मर्दों में सबसे पहले सहाबी कहलाने वाले |
✳️सबसे पहले मोमिन का एजाज़ पाने वाले |
✳️सबसे पहले काबे में खुतबा देने वाले |
✳️कुबूले इस्लाम से पहले ओर बाद हमेशा शराब से दूर रहने वाले |
✳️अपने ज़ाती माल से चालीस हज़ार दिनार प्यारे आकाﷺ के कदमों पे निछावर करने वाले |
✳️मोअज्जी़ने रसूलﷺ हज़रते बिलाल رضي الله عنه को आज़ाद करवाने वाले |
✳️अपने घर का सारा माल राहे खुदा में कुर्बान करने वाले |
✳️प्यारे आकाﷺ को अपने कंधो पर बिठाने की सआदत पाने वाले |
✳️गार में तीन दिन ओर तीन रात आका करीमﷺ के साथ रेहने वाले |
✳️अपने कपड़ों को फाड़ कर गार के सुराखो को बन्द करने वाले |
✳️गार में आका करीमﷺ को अपनी गोद में सुलाने वाले |
✳️सांप के डस्ने की तकलीफ़ को बर्दाश्त करके भी आका करीमﷺ को न जगाने वाले |
✳️हिजरत के मोक़‌अ़ पर आका करीमﷺ की खिदमत करने वाले |
✳️हर मुश्किल और मुसीबत में आका करीमﷺ का साथ देने वाले |
✳️सफर हो या हजर (घर) हो, गार हो या मजार हो हर एक मकाम पर आका करीमﷺ के साथ रेहने वाले | 
✳️ मुन्किरिने जकात का खात्मा फरमाने वाले |
✳️ कुरआने पाक को एक जगह जम्अ़ करने का हुक्म देने वाले |
✳️जिन की एड़ी पर आका करीमﷺ ने अपना लुआबे दहन लगाया |
✳️ कुरआने पाक में जिनको "सानियस्नैन" का लकाब दिया गया |
✳️कुरआन ने जिनके साहिब होने का एलान फरमाया|
✳️जिनकी खिदमत ओर एहसानात का ताज़किरा खुद आका करीमﷺ ने फरमाया |
✳️आका करीमﷺ की ज़िन्दगी में जिन्होंने कई बार इमामत का शरफ हासिल किया |
✳️जन्नत के आठ दरवाज़े है जिन्हे हर एक दरवाज़े से बुलाया जाएगा, वोह मेरे मोला हज़रते सिद्दीके अकबर رضي الله عنه है...!

तो फिर हम क्यूं ना कहें के 
बयां हो किस ज़बाँ से मरतबा सिद्दीक़े अकबर का है यारे गार महबूबे खुदा सिद्दीक़े अकबर का

#22जुमादिल_उखरा_यौमे_यारे_गार ✍️✍️✍️

जा निसार ए रसूल ﷺ
गम गुसार ए रसूलﷺ
वफादार ए रसूलﷺ
राजदार ए रसूलﷺ
फ़िदा कार ए रसूल ﷺ
यारे गार ए रसूलﷺ
यारे मजार ए रसूलﷺ
सैयदना अबू बकर सिद्दीक رضی اللہ تعالٰی عنہ

एक हदीस पाक में आता है कि 360 खसाइल है
जब अल्लाह किसी पर करम फरमाता है तो 
उन 360 का खसाइल में से एक खसलत किसी के अंदर आ जाए तो जन्नत का हकदार बन जाता है सैयदना अबू बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
के बारे में अल्लाह के रसूलﷺ फरमाते हैं 
360 खसाइल तमाम के तमाम अबू बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
की जात में मौजूद हैं 

अबु बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
वह हस्ती है जिनके बारे में अल्लाह के महबूबﷺ
ने यह बसारत दे दी की जन्नत के 8ठो दरवाजे से इनको बुलाया जाएगा
और ये वो हस्ती ए पाक हैं जिनको बगैर हिसाब किताब के जन्नत में दाखिल किया जाएगा

उम्मत ए रसूल ﷺ के लिए खुशखबरी है कि अबू बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
को इजाजत मिल जाएगी कि आप बगैर हिसाब के जन्नत में जाएं
मगर अबु बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
कहेंगे कि मैं उस वक्त तक नहीं जाऊंगा जब तक मेरे चाहने वाले मेरे साथ ना जाए तो अल्लाह कहेगा कि

जब मैंने जन्नत पैदा की थी उसी वक्त कह दिया था कि अबु बकर
رضی اللہ تعالٰی عنہ
के साथ उनके चाहने वालों के लिए भी जन्नत में जगह मख्सूस कर दी गई है 

अबु बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
वो हस्ती हैं
जिनकी वफा की दास्तान
बदर भी बयान करता है 
उहद भी बयान करता है
खन्दक भी बयान करता है
तबूक भी बयान करता है

अबु बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
ने सब कुछ राहे खुदा में लुटा दिया इसलिए अल्लाह के महबूबﷺ ने इरशाद फरमाया के दुनिया के तमाम इंसान के एहसानों का बदला मैंने दे दिया लेकिन अबु बकरرضی اللہ تعالٰی عنہ
के एहसानों का बदला अल्लाह कयामत के दिन देगा

✍ सैय्यद अनवर जावेद


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