Wednesday, September 2, 2020

अल्लाह से राबता

 *एक मस्जिद की बगल मे एक नाई की दुकान थी।।*


*मस्जिद के मौलाना और नाई दोनो दोस्त बन गये थे* 


*नाई हमेशा ही मौलाना से कहता,*


*अल्लाह ऐसा क्यो करता है ?*

*वैसा क्यो करता है ?*

*यहाँ बाढ़ आ गई ?*

*वहाँ सूखा हो गया ?*

*यहाँ एक्सीडेंट हुआ ?*

*यहाँ भुखमरी चल रही है*

*नौकरी नही मिल रही हमेशा लोगो को ऐसी बहुत सारी परेशानिया देता रहता है*


 *एक दिन उस मौलाना ने नाई को सामने सडक पर बैठै एक इंसान से मिलाया,*

*जो भिखारी था,*

*बाल बहुत बढ़े थे,*

*दाढ़ी भी बहुत बढ़ी थी।*


*और नाई को कहा:-*


*देखो इस इंसान को जिसके बाल बढ़े हुए हैं, दाढ़ी भी बहुत बढ़ी हुई है*

*तुम्हारे होतें हुए ऐसा क्यों है ?*

*नाई बोला:- अरे! उसने मुझसे कभी राबता ही नहीं किया*


*फिर मौलाना ने नाई को समझाया यही तो सारी बात है*


*जो लोग अल्लाह से राबता करते रहते है उनका दुःख मुसीबत ख़ुद ही खत्म हो जाती है*


*जो लोग राबता ही नहीं करते और कहतें हैं हम दुःखी है*

*वो सब अपने अपने आमाल काट रहे होते हैं।*


*इसलिये अल्लाह से ता'अलुक़ मज़बूत कर लो और नमाज़ क़ायम करो*



*🌹नमाज़ पड़ो इससे पहले तुम्हारी नमाज़ पड़ी जाये*


*🤲🏻🌹अल्लाह हम सबको सच्ची पक्की अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाये # आमीन🌹🤲🏻*

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