*एक मस्जिद की बगल मे एक नाई की दुकान थी।।*
*मस्जिद के मौलाना और नाई दोनो दोस्त बन गये थे*
*नाई हमेशा ही मौलाना से कहता,*
*अल्लाह ऐसा क्यो करता है ?*
*वैसा क्यो करता है ?*
*यहाँ बाढ़ आ गई ?*
*वहाँ सूखा हो गया ?*
*यहाँ एक्सीडेंट हुआ ?*
*यहाँ भुखमरी चल रही है*
*नौकरी नही मिल रही हमेशा लोगो को ऐसी बहुत सारी परेशानिया देता रहता है*
*एक दिन उस मौलाना ने नाई को सामने सडक पर बैठै एक इंसान से मिलाया,*
*जो भिखारी था,*
*बाल बहुत बढ़े थे,*
*दाढ़ी भी बहुत बढ़ी थी।*
*और नाई को कहा:-*
*देखो इस इंसान को जिसके बाल बढ़े हुए हैं, दाढ़ी भी बहुत बढ़ी हुई है*
*तुम्हारे होतें हुए ऐसा क्यों है ?*
*नाई बोला:- अरे! उसने मुझसे कभी राबता ही नहीं किया*
*फिर मौलाना ने नाई को समझाया यही तो सारी बात है*
*जो लोग अल्लाह से राबता करते रहते है उनका दुःख मुसीबत ख़ुद ही खत्म हो जाती है*
*जो लोग राबता ही नहीं करते और कहतें हैं हम दुःखी है*
*वो सब अपने अपने आमाल काट रहे होते हैं।*
*इसलिये अल्लाह से ता'अलुक़ मज़बूत कर लो और नमाज़ क़ायम करो*
*🌹नमाज़ पड़ो इससे पहले तुम्हारी नमाज़ पड़ी जाये*
*🤲🏻🌹अल्लाह हम सबको सच्ची पक्की अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाये # आमीन🌹🤲🏻*
No comments:
Post a Comment
tell me your islamic-related information you want .I am try give you