Wednesday, July 28, 2021

मक्का मुकर्रमा

🌷بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ🌷
🌷‏اللَّهُمَّ صَلِّ عَلى سَيِّدِنا مُحَمَّدٍ حَبيب قَلبي ورُوح رُوحي ، وطَبيبي وشِفاء جُروحي ، ومُلهِمي وخَطيبي الذي في القَلبِ يُوحي ، وكِفايَتي وجَنَّتي وغَاية فُتوحي ، وعَلى آلهِ وصَحبهِ وسَلِّم🌷
#इस्लामी_अक़ाइद_व_मालूमात 
Topic : #मक्के_मदीने_के_फ़ज़ाइल 

दुनिया के कई शहर अपनी तारीख़ी , षक़ाफ़ती और अलाक़ई ख़ुसूसियात के सबब मशहूर हैं मगर शहरे अरब , मक्का मुकर्रमा शरीफ़ की क्या ही बात है ! जहां सुल्ताने दो जहां صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादत हुई , शहंशाहे बनी आदम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इसी शहर में ऐलाने नुबूव्वत फ़रमाया , यहीं से नूरे इस्लाम फैलना शुरू हुआ , सफ़रे मेअराज का आग़ाज़ इसी शहर से हुआ , वह शहर जो कुफ़्फ़ार के होश रुबा मज़ालिम के मुक़ाबला में रह़मते आलम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ के अख़्लाक़े करीमाना का गवाह है , जिस की तरफ़ मुसलमानों के दिल खींचे आते हैं , वह हमारे मक्की मदनी आक़ा صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ का प्यारा शहर मक्का मुकर्रमा शरीफ़ है जहाँ आप صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपनी ज़िंदगी के कम व बेश 53 साल बसर किए । 

🌷 हसन हज कर लिया काबे से आंखों ने ज़िया पाई 🌷
🌷 चलो देखें वह बस्ती जिस का रस्ता दिल के अंदर है 🌷 
(ज़ौक़े नात , सफा 178) 

दूसरी तरफ़ मक्का मुकर्रमा से तक़रीबन 425 km दूरी पर वाक़ेअ वह अज़ीम शहर जिसे सरकारे दो आलम , नूरे मुजस्सम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ की हिजरतगाह बनने का शर्फ़ मिला , इस्लाम के उरूज का नुक़्ताए आग़ाज़ बनना जिस का मुक़द्दर बना , मुहाजिर सहाबए किराम علیہم رضوان की क़ुर्बानी , अंसार सहाबए किराम علیہم رضوان का बेमिसाल जज़्बाए इसार और जांनिसाराने मुस्तफा صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ के इश्क़ व वफ़ा की दास्ताने जहां रक़म हुई , वह फ़िरिश्तों में घिरा , नूर में डूबा शहर , मदीनाए मुनव्वरा है । 

🌷 वह मदीना जो कोनैन का ताज है 🌷 
🌷 जिसका दीदार मोमिन की मेअराज है 🌷 

#फ़ज़ाइले_मक्का_मुकर्रमा_पर_3_फ़रामीने_मुस्तफ़ा ﷺ

1️⃣ जो मक्का में एक दिन बीमार होता है अल्लाह पाक उसके जिस्म को जहन्नम की आग पर ह़राम फ़रमा देता है । एक रिवायत में है : अल्लाह तआला उस बंदे के लिए ग़ैरे ह़रम में की हुई 60 साल की इबादत का सवाब लिख देता है । 

2️⃣ जो मक्का मुकर्रमा में गर्मी पर दिन में एक साअत भी सब्र करता है अल्लाह तआला उसे जहन्नम से 500 साल की मुसाफ़त दूर कर देता है और उसे जन्नत से 200 साल की मुसाफ़त क़रीब फ़रमा देता है । 
(फ़ज़ाइले मक्का इमाम हसन बसरी , सफा 27) 

3️⃣ मक्का मुकर्रमा की मस्जिद (यानी मस्जिदुल ह़राम) वालों पर हर रोज़ अल्लाह पाक की 120 रह़मतें नाज़िल होती हैं उन में से 60 तवाफ़ करने वालों के लिए , 40 नमाज़ियों के लिए और 20 काबाए मुअज़्मा की ज़ियारत करने वालों के लिए । 
(मोजम अवसत , 4/381 , हदीस : 6314) 

#फ़ज़ाइले_मदीनाए_मुनव्वरा_पर_3_फ़रामीने_मुस्तफ़ाﷺ

1️⃣ मदीनाए मुनव्वरा में दाख़िल होने वाले रास्तों पर फ़िरिश्तें हैं , इस में ताऊन दाख़िल होगा न दज्जाल । 
(बूख़ारी , 1/619 , हदीस : 1880) 

2️⃣ रसूले अकरम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने दुआ फ़रमाई : या अल्लाह ! जितनी बरकतें तूने मक्के में रखी हैं उस से दुगुनी मदीने में रख दे । 
(बुख़ारी , 1/620 , हदीस : 1885) 

3️⃣ यह तैबा है और गुनाहों को इसी तरह मिटाता है जैसे आग चांदी का खोट दूर कर देती है । 
(बुख़ारी , 3/36 , हदीस : 4050) 

अल्लाह पाक हमें इन मुक़द्दस शहरों की बार बार हाज़री नसीब फ़रमाए । 
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِّ الْاَمِیْن صَلَّی اللہ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلہٖ وَسَلَّم
صَلُّو ا عَلَی الْحَبِیب ! صلَّی اللّٰہُ تعالٰی علٰی محمَّد
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