Sunday, July 25, 2021

शादीशुदा ज़िन्दगी" के लिए 10 कीमती नसीहतें

इमाम अहमद बिन हंबल" की अपने बेटे को खुशहाल* *"शादीशुदा ज़िन्दगी" के लिए 10 कीमती नसीहतें* ~

 *"इमाम अहमद बिन हंबल" ने शादी की रात अपने बेटे को 10 नसीहतें (सलाह) दी , हर शादीशुदा मर्द को चाहिए कि इनको ग़ौर से पढ़े और अपनी ज़िन्दगी में अमल में लाये .* .!!

आपने कहा, "मेरे बेटे , तुम घर का सुकून हासिल नहीं कर सकते जबतक कि अपनी बीवी के मामले में इन 10 आदतों को न अपनाओ ..!!"

इसलिए उन्हें ध्यान से सुनें और अमल का इरादा करें ..!!

 1). औरतें आपका तवज्जो (ध्यान) चाहती हैं , और चाहती हैं कि तुम उनसे वाज़े (स्पष्ट) अल्फ़ाज़ में अपनी मोहब्बत का इज़हार करते रहो , इसलिए समय-समय पर अपनी बीवी को अपनी मोहब्बत का एहसास दिलाते रहो , और उन्हें वाज़े (स्पष्ट) अल्फ़ाज़ में बताओ कि वह तुम्हारे लिए किस कदर अहम (महत्वपूर्ण) और महबूब (प्यारी) है ..!!
(इस गुमान में न रहो की वह खुद समझ जाएगी , रिश्तों को इज़हार की ज़रूरत हमेशा रहती है)

2). याद रखो अगर तुमने इस इज़हार में कंजूसी से काम लिया , तो तुम दोनों के दरमियान एक तल्ख दरार आजायेगी , जो वक़्त के साथ बढ़ती रहेगी और मोहब्बत को खत्म कर देगी ..!!

 3). औरतो का सख्त मिजाज़ (स्वभाव) होता है और वे मर्दो की तुलना में ज़्यादा सतर्क होती हैं , लेकिन वे नर्म मिजाज़ मर्द की नरमी का फायदा उठाना भी बखूबी जानती हैं , इसलिए इन दोनों सिफ़ात (विशेषताओं) में संयम से काम लेना ताकि घर में संतुलन बना रहे और आप दोनों को ज़हनी सुकून (शांति) हासिल हो ..!!

4). औरतें अपने शौहर से वही उम्मीद रखती है जो शौहर अपनी बीवी से रखता है , यानी इज़्ज़त , मोहब्बत भरी बातें , ज़ाहिरी जमाल (बाहरी सुंदरता) , साफ सुथरा लिबास और खुशबूदार जिस्म , इसलिए हमेशा इसका ध्यान रखें ..!!

5). याद रखें कि घर की चार दीवारें औरत की सल्तनत (राज्य) है , जब वह वहां होती है तो ऐसा लगता है जैसे वह अपने सल्तनत के तख्त (सिंहासन) पर बैठी है , कभी भी उसके सल्तनत में मुदाखलत (हस्तक्षेप) न करना , कभी उसके तख्त को छीनने की कोशिश भी न करना और जिस हद तक मुमकिन हो घर के मामलात उसके हवाले करना और उन्हें निपटाने की उसको आज़ादी देना ..!!

6). हर बीवी अपने शौहर से मुहब्बत करना चाहती है लेकिन याद याद रखो उसके अपने माँ बाप , बहन भाई और परिवार के बाक़ी लोग भी हैं , जिनसे वह ताल्लुक़ खत्म नही कर सकती , और न ही उससे ऐसी उम्मीद करना जायज है , इसलिए कभी भी उसके और उसके घर वालो के बीच मुकाबले की सूरत (प्रतिस्पर्धा) पैदा न होने देना क्योंकि अगर उसने मजबूरन तुम्हारे खातिर अपने घरवालों को छोड़ भी दिया तब भी वह बेचैन रहेगा और यह बेचैनी तुम्हे उस से दूर कर देगी  ..!!

7). बेशक औरत टेढ़ी पसली से पैदा की गई है , और उसी में उसका हुस्न (सुंदरता) भी है , ये हरगिज़ कोई नख़्स (दोष) नही , वह ऐसे ही अच्छी लगती है जिस तरह भौहें गोलाई में खूबसूरत लगती हैं, इसलिए उसके टेढ़ेपन (कुटिलता) और खूबसूरती से फायदा उठाओ , कभी उसकी कोई बात बुरी भी लगे तो सख्ती (कठोरता) और तल्खी (कड़वाहट) से उसको सीधा करने की कोशिश न करो वरना वह टूट जाएगी , और उसका टूटना बालाख़िर तलाक तक नौबत ले जाएगा , मगर इसके साथ-साथ ऐसा भी न करना कि उसकी हर गलत और बेकार बात मानते ही चले जाओ , वरना वह मग़रूर (अभिमानी) हो जाएगी जो उसके अपने ही लिए नुकसानदेह है , इसीलिए हिकमत (समझदारी) से काम लेना ..!!

 8). शौहर की नाकद्री (अनादर) और नाशुक्री अक्सर औरतो की फितरत में होती है , अगर सारी उमर भी उसपर नवाज़िशें करते रहो लेकिन गलती से भी कभी कोई कमी रह गयी तो वह यही कहेगी कि, "तुमने मेरी कौनसी बात सुनी है आजतक ..?" लिहाज़ा उसकी इस फितरत से ज़्यादा परेशान मत होना , और न ही इसकी वजह से उस से मोहब्बत ने कमी करना , ये एक छोटा सा ऐब (कमी) है उसके अंदर , लेकिन इसके मुकाबले में उसके अंदर बेशुमार खूबियां भी हैं , बस तुम उनपर नज़र रखना और अल्लाह की बन्दी समझ कर उससे मुबब्बत करते रहना और हुकूक (अधिकार) अदा करते रहना ..!! 

9). हर औरत पर जिस्मानी कमज़ोरी के कुछ दिन आते हैं , उन दिनों में अल्लाह ने भी उनको इबादत में छूट दी है , उसको नमाज़ें माफ कर दी हैं और उसको रोज़ो में उस वक़्त तक ताख़ीर की इजाज़त दी है जबतक वह दोबारा सेहतयाब (स्वस्थ) न हो जाये , बस इन दिनों में तुम उसके साथ वैसे ही मेहरबान रहना जैसे अल्लाह ने इसपर मेहरबानी की है , जिस तरह अल्लाह ने उस पर से इबादात हटा ली , वैसे ही तुम भी उन दिनों में उसकी कमज़ोरी का लिहाज़ रखते हुए उसकी ज़िम्मेदारियों में कमी कर दो  , उसके कामकाज में मदद करा दो और उसके लिए सहूलियत (आसानी) पैदा करो ..!! 

10). आखिर में बस ये याद रखो कि तुम्हारी बीवी तुम्हारे पास एक कैदी की तरह है , जिसके बारे में अल्लाह तुमसे सवाल करेगा , बस उसके साथ इन्तेहाई रहम और करम का मामला करना ..!!
Arham Zuberi

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