*15th शाबान को बेरी के पत्तो से ग़ुस्ल करने की बड़ी फ़ज़ीलत है किताबों में ! लेकिन अवाम इसमे थोड़ी गफ़लत में रहती है क्योंकि बेरी के पत्तो से ग़ुस्ल के फ़ज़ाएल 15 शाबान की शब को है जो मगरिब के बाद शुरू होता है और भोली अवाम मगरिब से पहले यानी 14 शाबान को ये अमल करती है जिससे इसका फायदा हो हासिल हो नही पाता !*
*दूसरी बात ये की बेरी के 7 पत्ते अदद में लेना है एक आदमी के लिए और उसे उबाल कर एक आदमी ही ग़ुस्ल करे, लेकिन बाज़ लोग क्या करते कि बहुत सारे पत्तियो को तोड़ कर बड़े से पतीले में डाल लेते और फिर थोड़ा थोड़ा पानी लेकर ग़ुस्ल करते ! इससे भी मक़सद हासिल नही होता है !!*
*लेहाज़ा असलम तरीका ये है कि मगरिब के बाद 7 बेरी के पत्तो को एक छोटे पतीले में पानी लेकर गर्म कर लें और फिर ज़ायद पानी मिलाकर ग़ुस्ल करें !!*
*(ज़्यादा मालूमात अपने नजदीकी सुन्नी उलमा से हासिल करें)*
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