Sunday, November 29, 2020

दहेज

.   बेटियों को बेचना बंद करो
     दहेज जैसी कुप्रथा अभिशाप पाप बंद करो
           

●शादी की शेरवानी लड़की वालो ने दी 
●वलीमे का सूट लड़कीवालों ने दी
●रिस्ट वाच जो पहन रखी है लड़की वालो ने दी 
●सोने की अंगूठी लड़की वालो ने दी 
●सोने के लिए बेड, गद्दा , तकिया , ब्लैंकेट , चादर लड़की वालो ने दी 
●कपड़े रखने की वार्डरॉब लड़की वालो ने दी 
●Iphone , लैपटॉप , एलसीडी टीवी लड़की वालो ने दी 
●ड्राइंग रूम के लिए सोफ़ा, टेबल लड़की वालो ने दी 
●वाशिंग मशीन लड़की वालो ने दी 
●हस्बे औकात , कार या बाइक लड़की वालो ने दिया 
●फ्रीज़ लड़की वालो ने दिया 
● यहां तक के जूते तक लड़की वालो ने दिया , खाने के बर्तन तक लड़की वालो ने दिया 
●अरे शू क्या मोज़े तक लड़की वालो ने दिया .........

.                                        #सुनो 
क्या माँ बाप अपने जिगर का टुकड़ा दे रहे है ये क्या कम है जो ये सब भी तुम्हे लड़की के साथ चाहिए ?? क्या बेटा भीख मांगने के लिए तुमने पैदा किया ?? तुम इतने भिखारी हो खाने की बर्तन और सोने के लिए बेड तक लड़की वालो से वसूलते हो .
हज़रत अबु हुरैरा रज़िअल्लाहो अन्हो से रवायत है के नबी क़रीम सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया के किसी औरत से चार चीजों की वजह कर निकाह किया जाता है उसकी हुस्नो जमाल की वजह से , उसके हसब ओ नस्ब की वजह से और उसकी दींन की वजह कर लेकिन देखो तुम दींन वाली औरत से निकाह करना .
लेकिन अफ़सोस सद अफ़सोस आज कल लोग ये सब नहीं देखते ये देखते है के लड़की वाले कितने मालदार है , एक रिवाज बन गया है हमें दहेज नहीं चाहिये पर इतने अमीर घर में रिश्ता पक्का करें गें के बिंन मांगे उन्हें सब मिल जाए और ऐसे लोग आम रिश्ते को तवज्जो नहीं देते क्यों की उनकी नज़र लोमड़ी की तरह अंगूर पर टिकी होती है । पर ये मत भूलो ये दुनियां है प्यारो जैसा करो गे वैसा भरो गे अगर आज आप किसी की बहन बेटी को इज़्ज़त दोगे तो कल कोई आप की बहन बेटी को इज़्ज़त के साथ ले जाए गा दहेज़ के साथ नहीं 
जहां तक मैं समझता हूँ जो दहेज लेते है उस शख्स की इज़्ज़त न उस की बीवी के दिल में रहे गा और न ही ससुराल वालों के दिल में क्यों की लड़की को पता है के उसके वालिद ने इस #फ़क़ीर को देने के लिए कितने मेहनत और तक़लीफ़ से पैसे जमा किये थे । न तो बीवी के दिल में इज़्ज़त न ही ससुराल वालों के दिल में मोहब्ब्त. ज़रा सोचिये जब इज़्ज़त ही नहीं रहे तो क्या फ़ायदा ऐसे दहेज का इस लिए मेहरबानी कर के दहेज़ जैसे कुरीति को छोड़ कर निकाह को आसान करे ।

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