Wednesday, May 12, 2021

जानते हैं इज़राइल का इतिहास।

जानते हैं इज़राइल का इतिहास।

इज़रायल नाम का नया राष्ट्र 14 मई सन् 1948 को अस्तित्व में आया , इसके पूर्व इज़राइल नाम का कोई देश नहीं था। इज़रायल राष्ट्र, प्राचीन फ़िलिस्तीन अथवा पैलेस्टाइन का ही बृहत् भाग है।

दरअसल , इसके पहले यहूदियों का कोई अलग राष्ट्र नहीं था, वह पूरी दुनिया के हर हिस्से में फैले हुए थे इसी तरह फिलीस्तीन के इस हिस्से में भी कुछ फैले हुए थे।

इतिहास है कि ,छठी ई. तक इज़रायल पर रोम और उसके पश्चात् पूर्वी रोमी साम्राज्य बीज़ोंतीन का प्रभुत्व कायम रहा। खलीफ़ा हज़रत अबूबक्र रजि• और खलीफ़ा हज़रत उमर रजि• के समय अरब और रोमी (Bizantine) सेनाओं में टक्कर हुई। 

सन् 636 ई. में खलीफ़ा हज़रत उमर रज़ि• की सेनाओं ने रोम की सेनाओं को पूरी तरह पराजित करके फ़िलिस्तीन पर, जिसमें इज़रायल और यहूदा शामिल थे, अपना कब्जा कर लिया। 

खलीफ़ा हज़रत उमर रजि• जब यहूदी और अपने इस्लामिक पैगंबर हज़रत दाऊद अलैहेस्सलाम के प्रार्थनास्थल पर बने यहूदियों के प्राचीन मंदिर में गए तब उस स्थान को उन्होंने कूड़ा कर्कट और गंदगी से भरा हुआ पाया। 

हज़रत उमर रजि• और उनके साथियों ने स्वयं अपने हाथों से उस स्थान को साफ किया और उसे यहूदियों के सपुर्द कर दिया।

यह भाग भले अरबी साम्राज्य के अंतर्गत था परन्तु यहूदी यहाँ रहते थे।

जर्मनी यहूदियों का सबसे बड़ा गढ़ था , एडोल्फ हिटलर ने जब जर्मनी में यहूदियों का कत्ले-आम प्रारंभ किया और चुन चुन कर एक एक यहूदियों को मारने लगा तब मुस्लिम राष्ट्रों ने अपने धर्म इस्लाम की एक मान्यता प्राप्त किताब "तोरेत" और अपने ही धर्म के एक पैगम्बर "हज़रत दाऊद अलैहेस्सलाम" को मानने वाले यहूदियों को अपनी ज़मीन पर पनाह दी , और फिर जर्मनी से जान बचाकर भाग रहे सभी यहूदी इस क्षेत्र में जमा हो गये , यह क्षेत्र यहूदी बहुल हुआ तो धीरे धीरे पूरी दुनिया के यहूदी इसी क्षेत्र में आ कर बसने लगे।

इस्लामिक राष्ट्रों के द्वारा यहूदियों की जान बचाने के लिए दी गयी इस मदद के बदले "यहूदियों" ने फिलिस्तीन और इस्लामिक राष्ट्रों को धोखा दिया और अमेरिका की व्यवस्था में घुस गये यहूदियों के माध्यम से अमेरिका के प्रभाव का प्रयोग करके उस शरणार्थी क्षेत्र को अलग राष्ट्र "इज़राइल" 14 मई सन् 1948 को घोषित करा लिया।

अरब राष्ट्रों के अकूत प्राकृतिक संपदा पर गिद्ध दृष्टि जमाए अमेरिका के लिए यह क्षेत्र सभी इस्लामिक देशों पर अपना नियंत्रण रखने का एक अड्डा बना और आज सारे मुस्लिम राष्ट्र अमेरिका की इसी नीति से अस्थिर हैं। 

यह है कहानी "कर भला तो हो बुरा" , विपत्ति के समय यहूदियों को जान बचाने के लिए दी गयी मुसलमानों द्वारा शरण आज उन्हीं यहूदियों से जान बचाने की स्थिति में वही मुसलमान आ गये जिन्होंने कभी इनकी जान बचाई थी।

इज़राइल का इतिहास है कि वह किसी का सगा नहीं , यहाँ तक कि अमेरिका के रहमों करमो पर पलने वाला यह देश अक्सर अमेरिका को भी धमकी देता रहा है।

इज़राइल "काला नाग" है , जिसका दूध पीता है उसी को डसता है , इज़राइल , इस्लामिक देशों में अमेरिका के आतंकवाद फैलाने और उनको अस्थिर करने का मुख्यालय है , भारत इसीलिए सदैव इस देश से दूर रहा और फिलिस्तीन का समर्थक रहा है।
#FreePalestine #Palestine

No comments:

Post a Comment

tell me your islamic-related information you want .I am try give you