Tuesday, May 18, 2021

सदक़ा

🌹 *GULAM-E-PANJATAN*🌹
                                 *सदक़ा*

*================================*

* क़ुरान में मौला तआला इरशाद फरमाता है कि "और जो बुख्ल (कंजूसी) करते हैं उस चीज़ में जो अल्लाह ने उन्हें अपने फज़्ल से दी हरगिज़ उसे अपने लिए अच्छा ना समझें बल्कि वो उनके लिए बुरा है 

📕 पारा 4,सूरह आले इमरान,आयत 180 

* हदीसे पाक में आता है हुज़ूर ﷺ इरशाद फरमाते हैं कि "जाहिल सखी इबादत गुज़ार कंजूस से बेहतर है 

📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 165

* सदक़ा गुनाहों को इस तरह मिटाता है जैसे पानी आग को बुझा देता है 

📕 मजमउज़ ज़वायेद,जिल्द 3,सफह 419

* सदक़ा रब के गज़ब को ठंडा करता है और बुरी मौत को दफा करता है 

📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 527

* सदक़ा वो है कि साईल के हाथ में जाने से पहले मौला तआला क़ुबूल फरमा लेता है 

📕 मुकाशिफातुल क़ुलूब,सफह 460 

* सदक़ा क़ब्र की गर्मी को कम करता है एक मुसलमान का भूले हुए को राह बताना किसी से मुस्कुराकर बात करना रास्ते से पत्थर हटा देना या कुछ भी ऐसा करना जिससे किसी को फायदा पहुंचता है तो ये उसकी तरफ से सदक़ा है और सदक़ा बन्दे को रब से क़रीब यानि जन्नत से क़रीब कर देता है और कंजूसी रब से दूर और जहन्नम से क़रीब कर देता है 

📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 80--84

* मौला तआला ने जब ज़मीन को पैदा फरमाया तो वो रब के जलाल से कांपने लगी तो उस पर पहाड़ बसा दिए जिससे उसकी हरकत मौक़ूफ हो गयी,फरिश्तो को पहाड़ की ताक़त पर बड़ा ताज्जुब हुआ उन्होंने मौला से पूछा कि क्या पहाड़ से भी ताकतवर कोई चीज़ दुनिया में है तो मौला फरमाता है कि हां वो लोहा है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या लोहे से भी ताकतवर कोई चीज़ है तो मौला फरमाता है कि हां वो आग है फिर फरिश्तो ने अर्ज़ किया कि ऐ मौला क्या आग से भी ताकतवर कोई चीज़ है तो मौला फरमाता है कि हां वो पानी है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या पानी से ताक़तवर भी कुछ है तो मौला फरमाता है कि हां वो हवा है फिर फरिश्ते अर्ज़ करते हैं कि मौला क्या हवा से भी कोई चीज़ ताक़तवर है तो मौला इरशाद फरमाता है कि हां इंसान का किया हुआ वो सदक़ा जो उसने छिपाकर दिया हो वो हर चीज़ से ज़्यादा ताकतवर है 

📕 मिश्कात,जिल्द 1,सफह 530

* हदीसे पाक में है कि हज़रत सअद बिन उबादा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की मां का इंतेकाल हो गया आपने नबी की बारगाह में अर्ज़ की या रसूल अल्लाह ﷺम मेरी मां का इंतेकाल हो गया अगर मैं उनके लिए सदक़ा करूं तो क्या उनको सवाब पहुंचेगा आप ﷺ ने फरमाया हां फिर उन्होंने पूछा कि कौन सा सदक़ा अफज़ल है तो आप ﷺ ने फरमाया कि पानी 

📕 अबू दाऊद,जिल्द 1,सफह 266

* जो किसी मुसलमान को खाना खिलाये तो मौला उसे जन्नत के मेवे खिलायेगा और जो किसी मुसलमान को पानी पिलाए तो मौला उसे जन्नत का शर्बते खास पिलायेगा और जो किसी मुसलमान को कपड़ा पहनाये तो मौला उसे जन्नती लिबास पहनायेगा और जब तक उस कपड़े का एक टुकड़ा भी उसके बदन पर रहेगा वो अल्लाह की हिफाज़त में रहेगा 

📕 तिर्मिज़ी,जिल्द 4,सफह 204-218

* फर्ज़ो के बाद एक मुसलमान का अपने मुसलमान भाई का दिल खुश करना अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसंद है और जो शख्स किसी मुसलमान की कोई हाजत पूरी करता है तो अल्लाह उसकी हाजत पूरी करता है और जो कोई किसी मुसलमान से कोई तकलीफ दूर करता है तो मौला तआला क़यामत के दिन उसकी तकलीफ को दूर कर देगा 

📕 इज़ानुल अज्रे फी अज़ानिल क़ब्रे,सफह 19-20

* तालिबे इल्म पर एक रुपया खर्च करना ऐसा है जैसे उसने उहद पहाड़ के बराबर सदक़ा किया 

📕 क्या आप जानते हैं,सफह 385

* हुज़ूर ﷺ फरमाते हैं कि बन्दे का राहे खुदा में 1 दरहम खर्च करना कभी कभी 1 लाख दरहम खर्च करने से भी आगे बढ़ जाता है सहाबा इकराम ने पूछा या रसूल अल्लाह ﷺ किस तरह तो आप फरमाते हैं कि किसी के पास कसीर माल है और उसने उसमे से 1 लाख दरहम खर्च किया मगर किसी के पास 2 ही दरहम थे और उसने उसमे से 1 दरहम खर्च कर दिया तो उसके 1 दरहम का सवाब 1 लाख दरहम से भी आगे बढ़ जायेगा 

📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 89

* जो अल्लाह की रज़ा के लिए मस्जिद तामीर कराये (यानि उसमे हिस्सा ले) तो अल्लाह उसके लिए जन्नत में मोतियों और याक़ूत से महल बनायेगा

📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 591

*ⓩ सदक़ा क्या होता है और क्या कर सकता है उसके लिये ये रिवायत पढ़िये*

* एक ज़िनाकार औरत एक जगह से गुज़री जहां एक कुत्ता प्यासा था वो कुंअे में मुंह लटकाए पानी को देख रहा था,उस औरत ने अपने चमड़े का मोज़ा उतारा और अपने दुपट्टे में बांधकर कुंअे से पानी निकालकर उस कुत्ते को पिलाया उसके इस अमल से मौला खुश हो गया और उसकी मगफिरत हो गई 

📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 409

* हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास एक शख्स आया और कहने लगा कि हज़रत आप मुझे जानवरों की बोलियां सिखा दीजिये आपने उसको मना किया कि इसमे कसीर हिकमतें है लिहाज़ा अपने इस शौक से रुजू करो मगर वो नहीं माना आपने मौला से बात की तो वो फरमाता है कि अगर ये बाज़ नहीं आता तो सिखा दो तो आपने उसे जानवरों की बोलियां सिखा दी
उसके घर में एक मुर्गा और एक कुत्ता पला हुआ था मालिक ने जब रोटी का टुकड़ा फेंका तो मुर्गे ने झट से उठा लिया इस पर कुत्ता बोला कि ये तूने गलत किया कि तेरी गिज़ा दाना दुनका है और तूने मेरी रोटी उठा ली,तो मुर्गा बोला परेशान ना हो कल मालिक का बैल मर जायेगा वो उसे यहीं कहीं फेंक देगा जितना चाहे खा लेना,मालिक ने उन दोनों की बात सुन ली और दूसरे दिन सुबह सुबह ही वो बैल को बाज़ार में बेच आया दूसरे दिन कुत्ते ने कहा कि तुमने झूठ बोला और बिला वजह मुझे उम्मीद दी तो मुर्गा कहने लगा कि मैंने झूठ नहीं कहा था मालिक ने अक्लमंदी दिखाते हुए अपनी मुसीबत दूसरे के गले डाल दी खैर कल मालिक का घोड़ा मर जायेगा तब तुम उसे खा लेना,मालिक ने सुना और दूसरे दिन घोड़ा भी बेच आया अब कुत्ते ने झल्लाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल झूठे हो तुम्हारी कोई बात सच्ची नहीं,तो मुर्गा बोला कि ऐसा नहीं है मालिक जिसको अक़्लमंदी समझ रहा है वो उसकी सबसे बड़ी बेवकूफी है क्योंकि मौला ने उस पर कुछ मुसीबतें डाली थी जिसको उसके घर के जानवरों ने अपने सर पर ले लिया कि अगर वो मर जाते तो उसका फिदिया बन जाता मगर अब जबकि उसने अपना माल कुछ ना छोड़ा तो अब कल वो खुद मरेगा अब तो घर में दावत होगी जितना चाहे खा लेना

अब जो मालिक ने सुना तो उसके होश उड़ गए वो भागता हुआ हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बारगाह में पहुंचा और सारी बात कह डाली,तो आप फरमाते हैं कि मैंने तो पहले की कहा था कि जो कुछ बन्दों से छिपाकर रखा गया है उसमें उनके ही लिए भलाई है मगर तुम ना माने अगर तुम उनकी बोली ना सीखते तो उन जानवरों की मौत तुमहारी तरफ से सदक़ा हो जाती और तुम्हारी जान बच जाती मगर तुमने उन्हें दूर कर दिया अब ये क़ज़ा टल नहीं सकती कल तुम यक़ीनन मरोगे,और दूसरे दिन वो मर गया 

📕 सच्ची हिकायत,सफह 97

*================================*
                                 *END*
*===================

No comments:

Post a Comment

tell me your islamic-related information you want .I am try give you