Tuesday, May 10, 2022

एक_गुनाह_के_10_नुक़सानात

अमीरूल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमरे फ़ारूक़े आज़म رضی اللہ تعالی عنہ ने फ़रमाया : गुनाह चाहे एक हो अपने साथ दस बुरी ख़सलतें लेकर आता है : 

(1) जब बंदा गुनाह करता है तो अल्लाह عزوجل को ग़ज़ब दिलाता है । 
(2) वह (यानी गुनाह करने वाला) इब्लीस मलऊन को ख़ुश करता है । 
(3) जन्नत से दूर हो जाता है । 
(4) जहन्नम के क़रीब आ जाता है । 
(5) अपनी सबसे प्यारी चीज़ यानी अपनी जान को तकलीफ़ देता है ।
(6) अपने बातिन को नापाक कर बैठता है । 
(7) आमाल लिखने वाले फ़िरिश्ते यानी किरामन कातेबीन को ईज़ा देता है । 
(8) नबी करीम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ को क़ब्रे अनवर में रंजीदा कर देता है । 
(9) ज़मीन व आसमान और तमाम मख़्लूक़ को अपनी नाफ़रमानी पर गवाह बना लेता है । 
(10) तमाम इंसानों से ख़यानत और रब्बुल आलमीन عزوجل की नाफ़रमानी करता है । 
(बह़रुदुमूअ , सफा : 30) 

● आह तुग़य्यानियां गुनाहों की ●
● पार नय्या मेरी लगा या रब ● 
(📗वसाइले बख़्शिश , सफा : 87)
(📙📗हिर्स , सफा : 44📗📙) 

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